RSS

Popular Posts

aage ki story

१२ को वो लड़के  आये और राधे ने उनकी फ़ीर से फिरकी ले ली .........

फीर राधे को एक बार एक अनजाने नंबर से मेसेज आया , मेसेज में लिखा था तुम कौन हो इत्यादि 
वो मेसेज पता नहीं कौन कर रहा था ,तो राधे परेसान हो गया उसने जानना चाहा की ये सब कौन कर रहा है , उसको लगा की ये अंकीत और गर्व कर रहे है तो उसने इग्नोर कर दिया 

फिर जब उस मेसेज को ध्यान से पढ़ा तो उसने पाया की ये लिखने का अंदाज़ कुछ जाना पहचाना है ,और वो कुछ सोच कर उस  मेसेज का answer देने लगा , मेसेज करने वाले ने अपना नाम बताया जो मान लो की नेहा था ..
नेहा राधे को उसकी महिला दोस्त के बारे में पूछ रही थी राधे को ये अटपटा लगा तो उसने उसको टरकाना सुरु कर दिया but  जब वो मानी नहीं तो उसने उसको झूठ बोलना सुरु कर दिया और टरका दिया but  वो झूठ नहीं बोल सकता था तो उसने वापीस से नेहा को बता दिया की वो जो भी बोला अब तक उस से झूठ है .....
तो नेहा ने वापीस उसको वही सवाल कीये 

कुछ टाइम बाद नेहा ने आखीर पूछ ही लिया की ये pranavi कौन है 
राधे का शक यकीं  मे बदल गया जी ये गड़बड़ तो जबरदस्त ह, लेकीन उस ने सब कुछ सच सच बताना ठीक समझा की वो असल मे उसको प्यार करता है और उसको भी ये बताना चाहता है
तो नेहा बोली ठीक है मे तुझको उस से बात करवाउंगी ......
इस तरह रोज़ रोज़ नेहा और राधे की बाते होने लगी ................

राधे प्रनावी को बताने मे successful  हो गया और फ़ीर दोनों की बाते होने लगी 
.................................................................................................................
(आगे की story बाद मे )
  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • RSS

meri real story (imagination )


राधे नाम का एक लड़का एक इंस्टिट्यूट में पढने गया , वह जाकर वो बड़ा खुस था क्योकि उसको लगा की यहाँ उसकी पढाई अच्छी चलेगी ....पर एसा नहीं था जब वो इंस्टिट्यूट में घुसा तो वह जाते ही उसकी नज़र प्रनावी नाम की एक लड़की पे पड़ी , बड़ी ही स्वीट दिखती थी वो पर उसने अपने मन में सोचा बेटा पढने आया है लडकिय देखने नहीं पिछली क्लास्सेस में लडकियों के पिच्छे ख़राब हो गया है अब पढाई ही करना कुछ और नहीं फिर एसा सोच कर वो आगे बढ़ गया फिर उसको अपनी पिछली स्कूल का दोस्त विनय मिल गया विनय ने उसका परिचय ओमप्रकाश से करवाया ओमप्रकाश बड़ा अच्छा लड़का था पर उसकी कुछ बाते इसी थी जो राधे को पसंद नहीं आई । पर फिर भी वो था तो एक अच्छा लड़का था । ओमप्रकाश पहले से  प्रनावी को जानता था शायद उसकी कोई पुराणी दुशमणि भी थी उसकी ।
तो ओमप्रकाश ने वो ही दुश्मनी निभाते हुए राधे को भी उसके खिलाफ बाते बताना शुरू  कर दिया । राधे को बड़ा बुरा लगा की जिस लड़की को उसने पहली नज़र में देखा वो उसके बारे में बोल रहा था । पर  राधे  एक नंबर का फिरकी बाज़ लड़का था वो इस तरह की बातो से पहले भी रूबरू हो चूका था इस लिए वो इस पूरी बात की जड़ तक पहुचना चाहता था , राधे अपने घर गया उसने एक नोटबुक बनायीं जिस मे वो वो सारी बातें लिखा करता था जो ओमप्रकाश ने उसको बताई थी , और वो उन बातों को भी नोट किया करता था जो बाकी लोगो से उसने सुनी थी प्रनावी के बारे मे , और हर दिन उसका येही काम बन गया था ।
अब सायद राधे प्रनावी को पसंद करने लग गया था पर वेसा पसंद नहीं जो अक्सर एक हीरो और हेरोइन फिल्मो मे करते है , बस प्रनावी यु ही उसको अच्छी लगने लगी थी प्रनावी के खिलाफ हर एक बात की जड़ तक वो पहुचना चाहता था , लेकिन इस के लिए प्रनावी का राधे से बात करना जरुरी था , उसने एक प्लान बनाया जो बड़ा ही परफेक्ट था लेकिन समय के चलते आदमी का जोर नहीं चलता   राधे ने पलने ये बनाया की वो प्रनावी को facebook  पर ढूंढ़ कर उससे सारी बात क्लेअर कर लेगा पर वो खुद इतनी हिम्मत नहीं रखता था की एसा कर सके तो उसने अपने एक दोस्त सचिन आचार्य को एसा करने के लिए मनाया वो मान गया पर सचिन ने कुछ और ही कर दिया उसने दीया नाम की प्रनावी की दोस्त को फ्रेंड बना कर उसको अपनी बहिन बना लिया और राधे की अफवाह फ़ैलाने लगा , राधे को जब इश बात का पता चला तो उसने दिया मेसेज कर के सचिन के बोले झूठ की माँ की आंख कर दी और सचिन का अकाउंट हैक कर के बात को संभाल लिया और अब उसने अपनी दोस्त आरती की मदद ली आरती राधे को जानती थी क्योकि राधे उसके छोटे भाई के जैसे था जो उसके घर के पास रहता था , पर आरती बड़ी गन्दी निकली उसने भी वो सारी बाते और मिर्च मसाले लगा कर दीया को बताई जो सचिन ने बताई  थी , अब राधे की image  ख़राब हो गयी दीया के सामने ये बात सब दीया की फ्रिएंड्स तक फ़ैल गयी और राधे परेसान हो गया पर जैसा की सब को पता है भगवान् जो करता है अच्छे के लिए ही करता है  राधे के दोस्त अविनाश तक ये बात पहुची तो अविनाश ने दीया से बात की और फिर वो आरती का भी भाई बन गया , आरती जो किसी के बहिन बन्ने लायक ही नहीं थी कमीनी ने अविनाश को को भी फंसा दिया जब अविनाश से आरती ने प्रनावी के बारे में पूछा तो अविनाश भी ओमप्रकाश की ही भाषा बोला और प्रनावी को चरित्र हीन बता दिया , ये बात प्रनावी की दूसरी दोस्त प्रज्ञा तक पहुच गयी प्रज्ञा ने दीया से राधे के बारे मे कई बाते सुन राखी थी तो वो सोचने लगी की प्रनावी एक गन्दी और चरित्र हीन लड़की है ये बात राधे ने ही अविनाश को बताई है तो उनका झगडा हो गया और प्रनावी के पीछे राधे को मिलने वाला ये पहला झटका था ।
अब प्रनावी उसके खिलाफ हुए बात को जान्ने के लिए राधे से मिलने लगी बात करने लगी ये बात ओमप्रकाश को चुभ गयी और वो मन ही मन राधे से दुश्मनी रखने लगा , फिर एक दिन ओमप्रकाश ने राधे से कहा की उसने रिद्धि से ये बात पूछी थी की प्रनावी को कोन  पसंद है और रिद्धि ने उसको बताया की प्रनावी को राधे पसंद है .....रिद्धि जो की प्रनावी की बचपन की दोस्त थी जिस पर प्रनावी सबसे ज्यादा भरोसा करती थी । राधे को उसकी वो बात सरासर झूठ लगी और वो इसको मानना भी नहीं चाहता था ।
ओमप्रकाश ने यही बात अपने दोस्त गौरव को बता दी फिर गौरव ने ये बात अंकित को बता दी अंकित ने अपने बाकी दोस्तों को इस तरह ये क्रम चलता रहा ।
गौरव जो की शायद प्रनावी को पसंद करता था पर प्रनावी का कहना था की वो उसके बारे में ज्यादा नहीं जानती ये एक तरफ़ा प्यार था जो गौरव को हो गया था ।
गौरव - राधे को फ़ोन कर कर के प्रनावी के बारे में पूछने लगा राधे प्रनावी की और बेईज्ज़ती नहीं करवाना चाहता था क्योकि वो लडकियों की बोहुत इज्ज़त करता था इस लिए वो उसको ओनली गलत information दिया करता था , गौरव को लगता था की वो सच बोल रहा है इस तरह वो रोज़ रोज़ राधे को फ़ोन करता और गलत बाते जान कर खुस होता रहता ,
इस बीच अंकित को लगा की राधे प्रनावी को पसंद करता है तो वो उसको धमकाने आया और उसको प्रनावी से दूर रहने की हिदायत देने लगा पर राधे धमकियों से नहीं डरता था क्योकि वो तो एक बड़ा फिरकी बाज़ था उसके लिए फ्रिएंड्स के लिए आओ तो welcome और जाओ तो भीड़ कम वाली नीति थी सो वो डरा नहीं
अगले दिन अंकित के नाटक सुरु हो गए वो राधे को मेसेज कर कर के कहने लगा की क्या वो उससे नाराज़ है या बुरा तो नहीं माना इस तरह अंकित अपना गेम राधे के किलाफ़ उस से दोस्ती का हाथ बढा कर खेलने लगा , पर राधे को इन सब की आदत पहले से थी उसको सारा माज़रा समझ आ गया वो और भी बड़ा गेम खेलने लगा ।
अंकित और गौरव ने राधे को कहा की वो प्रनावी के साथ कुछ एसा करे की वो बर्बाद हो जाए , पर राधे एसा गलत काम कभी नहीं कर सकता था उसको प्रनावी अच्छी लड़की लगी तो वो उसके खिलाफ नहीं जाना चाहता था ..। प्रनावी को भी सायद ये ही लगता था की राधे उन अंकित और गौरव के साथ है पर सिर्फ राधे को ही पता था की वो प्रनावी को धोखा नहीं देगा उसकी हेल्प ही करेगा उन  सब बुरी बातो से जो उसके खिलाफ फैलाई गई थी , क्योकि राधे प्रनावी को खुश देखना  चाहता था ।
प्रनावी अब उसकी अच्छी दोस्त थी , इधर अभी भी अंकित और बाकी लोग मिल कर राधे को फ़साने के नए नए प्लान बना रहे थे राधे अब ओमप्रकाश का दोस्त नहीं था उसने उसकी इन्सुल्ट भी बोहुत कर दी थी अविनाश भी ओमप्रकाश के सच जान चूका था ,तो ओमप्रकाश अकेला हो गया वो चोट खाया हुआ थिश लिए उसने अंकित और बाकियों को ये बाते बतानी शुरू कर दी की प्रनावी और राधे का कोई चक्कर है
राधे अब बात को ख़तम करना चाहता था वो गौरव अंकित और ओमप्रकाश से दूर जाना चाहता था , तो उसने एक बार गौरव को मेसेज किया की वो परेसान हो गया है उनकी दोस्ती से और अब वो उनको छोड़ना चाहता है
पर गौरव नहीं माना उल्टा वो राधे को मारने की धमकिय देने लगा और उसके साथ अंकित भी राधे को धमकिय देने लगा , राधे इन सब बातो से डरता नहीं था वो एक अलग विचार धारा वाला लड़का था वो उनसे परेसान हो गया और उनकी हर चुनोव्ती को मानते हुए आगे बढा ।
लेकिन ये क्या इधर प्रनावी राधे से नाराज़ हो गयी और राधे उसकी पागल्पंती से बोर हो गया
जिसके पिच्छे राधे ने अपने छह महीने ख़राब किये वो ही उसको कोई responce नहीं दे रही थी चलो कुछ नहीं एसा सोच कर राधे आगे बढा , उसने अभी भी उन सभी बातो को नाकारा जो प्रनावी के खिलाफ थी और प्रनावी को भरोसे के लायक मानते हुए ये स्टोरी लिख दी


इस स्टोरी का एंड पार्ट बारह मार्च 2012  के बाद लिखा जाएगा ...........
स्टोरी का एंड जान ने के लिए यहाँ click करे 



  • Digg
  • Del.icio.us
  • StumbleUpon
  • Reddit
  • RSS